RBI Monetary Policy 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ही आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर बैठक की जो कि वित्त वर्ष 2025 तक के लिए है आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बताया कि इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि रेपो रेट में सातवीं बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
RBI Monetary Policy Repo Rate : ऐसा माना जा रहा था कि चुनाव से ठीक पहले आरबीआई कुछ बड़े फैसले ले सकता है और मॉनेटरी पॉलिसी में कुछ बड़ा बदलाव कर सकता है लेकिन आरबीआई की तरफ से की गई वित्त वर्ष 2024 से 25 के लिए कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है केंद्रीय बैंक ने फरवरी में की गई मौद्रिक नीति में लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.50 फ़ीसदी पर स्थिर रखा था साथ ही मैं 2022 और फरवरी 2023 के बीच आरबीआई ने मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 250 बीपीएस तक बढ़ाया था लेकिन उसके बाद में कोई भी बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला और इस रेपो रेट को बढ़ाने की बात जनता को ईएमआई और लोन जैसी सुविधाओं में बड़ी राहत देखने को मिली थी।
आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 से 25 के लिए मौद्रिक नीति में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया गया है जो कि केंद्रीय बैंक के लिए लगातार सातवीं बार मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को 6.50 फ़ीसदी पर स्थिर रखने का निर्णय किया गया है।
वित वर्ष 2024 से 25 में भारत की विकास दर 7% तक रहने का अनुमान।
भारत की विकास दर को लेकर आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने अनुमान लगाया है कि भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2024 से 25 में करीब 7 फ़ीसदी तक रह सकती है।
वही विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़कर 645 अरब डॉलर पहुंच चुका है जो कि भारत के फॉरेक्स रिजर्व का ऑल टाइम हाई लेवल टच कर चुका है।
महंगाई को लेकर गवर्नर का यह है बयान।
आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने महंगाई को लेकर भी बात की और बताया कि भारत की महंगाई दर का लक्ष्य अभी चार फ़ीसदी करीब माना गया है जो की अभी भी उससे ऊपर ही है वित वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में आरबीआई का लक्ष्य 4 फीसदी पर , और 3 पॉइंट 8 फ़ीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है।
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