राजस्थान वित्त निगम (RFC) : राजस्थान फाइनेंस कॉरपोरेशन क्या है यह क्या कार्य करता है और इसके द्वारा प्रमुख कौन-कौन सी योजनाएं जो चलाई जा रही है उनके बारे में हम जानेंगे आरएफसी राजस्थान की निगम की इसकी स्थापना कब हुई थी 17 मार्च 1955 को राज्य वित्त निगम अधिनियम 1951 के अंतर्गत, राजस्थान वित्त निगम इसका जो मुख्यालय है वह जयपुर है और इसकी जो अधिकृत पूंजी है 100 करोड रुपए हैं वर्तमान समय में अगर हम देखें इसके 10 क्षेत्रीय कार्यालय हैं 41 शाखाएं ब्रांच है |
RFC क्या कार्य करता है या इसकी स्थापना क्यों की गई ?
Business Loan Schemes In Rajasthan : राजस्थान राज्य में जो उद्योग धंधे हैं उनको प्रोत्साहन देने के लिए ,लघु एवं जो मध्यम (MSME ) उद्योग है उनको प्रोत्साहन देने के लिए या उनको वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य आरएफसी राजस्थान वित्त निगम ( RFC ) की स्थापना की गई है राजस्थान वित्त निगम की स्थापना कब की गई थी 1955 में और क्यों की गई थी जो नए उद्योगों की स्थापना की जाती है उनको बढ़ावा देने और जो उद्योग विद्यमान है उन उद्योगों का विस्तार करने के लिए या उन उद्योगों का नवीनीकरण करने के लिए ऋण सहायता विधि सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य आरएफसी राजस्थान वित्त निगम की स्थापना की गई तो देखिए इसके जो प्रमुख कार्य है कितनी सहायता प्राप्त कराई जाती है 20 करोड रुपए तक |
राजस्थानवित्त निगम के द्वारा नए उद्योगों की स्थापना करने के लिए पहले से जो उद्योग विद्यमान है वह अगर अपना विस्तार करना चाहते हैं नई मशीन खरीदना चाहते हैं अपना प्लाट जो उसको विस्तार करना चाहते हैं उसमें कुछ नया इनोवेशन करना चाहते हैं नवीनीकरण करना चाहते हैं तो इसके लिए अगर उनको पूंजी की आवश्यकता होती है ऋण की आवश्यकता होती है तो यह जो सहायता है वह RFC के द्वारा 20 करोड रुपए तक का ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाती है साथ ही साथ यह केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य करता है दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने का कार्य करता है ऋण की गारंटी देने का कार्य करता है इसके और भी कार्य हैं |
यह भी पढ़े।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम ( RIPS) 2024 जानिए क्या हैं ?
राजस्थान फाइनेंशियल कॉरपोरेशन राजस्थान वित्त निगम के द्वारा कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही है ?
- युवा उद्यमिता प्रोत्साहन : इस योजना के अंतर्गत जो राजस्थान वित्त निगम है वह उद्योगों की स्थापना करने के लिए 5 करोड रुपए तक का ऋण जो है वह कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराता है और जिनकी आयु कितनी है 35 वर्ष से कम है 35 वर्ष से कम आयु के जो उद्यमी है उनको प्रोत्साहन देने के लिए युवा उद्यमिता पोषण , उनको 5 करोड रुपए के ऋण की जो सहायता है वह उपलब्ध कराई जाती है फिर उसके अलावा जो अन्य योजना है
- गोल्ड कार्ड योजना : स्वर्ण पत्र ऋण योजना है इस योजना के अंतर्गत अचल संपत्तियों के अधिग्रहण या फिर कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का पूरा करने के लिए आसान ऋण प्रदान किया जाता है ताकि उद्यमी को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के पर्याप्त अवसर मिल सके।
- प्लेटटिनम कार्ड योजना : इस योजना के अंतर्गत अचल संपत्तियों के अधिग्रहण और कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आसान ऋण योजनाओं के माध्यम से लोन देकर व्यवसाय को चुनौतियों से बाहर निकलना।
- एकल खिड़की योजना : सिंगल विंडो योजना के अंतर्गत छोटे उद्धारकर्ताओं के लिए केवल एक संस्था के माध्यम से सभी अचल संपत्तियों और कार्य सुनील पूंजी के लिए रन की सुविधा प्रदान करना और व्यवसाय से जुड़े विभिन्न फाइनेंस स्कीम को एक ही विंडो से क्लियर करना इसमें परियोजना की लागत 2 करोड रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
राजस्थान वित्त निगम में सेवा के क्षेत्र के लिए योजन।
- नए अस्पताल और नर्सिंग होम की स्थापना के लिए इस योजना के अंतर्गत भूमि भवन ,मेडिकल उपकरण, फर्नीचर ,एयर कंडीशनर ,जनरेटर आदि मशीनरी और उपकरणों के लिए पर्याप्त लोन दिया जाता है
- पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान के क्षेत्र मे होटल रेस्टोरेंट रिजॉर्ट्स ,मनोरंजन पार्क, गेस्ट हाउस, ड्राइविंग सिनेमा मल्टीप्लेक्स जैसी तमाम पर्यटन से जुड़ी हुई सेवाओं के लिए भूमि भवन कार्यालय उपकरण सजावट फर्नीचर अधिग्रहण आदि के लिए भी रन की सुविधा उपलब्ध की गई है।
- सूचना प्रौद्योगिकी: सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी प्रकार की नए व्यावसायिक की स्थापना के लिए और उनका विस्तार के लिए ऋण प्रदान किया जाता है।
यह भी पढ़े।
CGTMSE योजना क्या है और बिजनेस को बढ़ाने में इसका क्या योगदान है ?